Saturday 28 October 2017

एक रिश्ता सोच और समाज का

दुनिया एक रंग मंच है,
और इस रंग मंच का सबसे बड़ा खिलाडी समाज है,
उनमे से कुछ लोग ही अच्छी सोच रखते है और उन्ही पर मुझे नाज़ है ।।

अगर आप खुले विचार और खुले दिल के हो समाज के बीच आप बहोत बुरे हो,
इस तरह समाज बन जाता मदारी और आप बंदर मदारी के जमूरे हो ।।

अच्छे  ने  अच्छा  और  बुरे  ने  बुरा  जाना  मुझे,
जिसकी  जितनी  जरुरत  थी  उसने  उतना  ही  पहचाना  मुझे।।

दूनीया चली देश बदलने मगर अपनी सोच न बदल पाये,
अगर खुद की सोच ही बदल दे तो देश अपने आप बदल जाये ।।

हज़ारो अच्छे काम भी किये मगर समाज को कभी नज़र न आया,
अच्छे होने के बावजूद समाज ने हमेशा गलत ही ठहराया ।।

इस रंगीन दुनिया के बसेरे में
पता नही कितने दिन रहना है,
जीत लें सबके दिलों को,
बस यही जीवन का गहना है।।

जाते जाते एक ही बात कहना है,

इस रंग मंच का सबसे बड़ा खिलाडी समाज है,
समाज में सबसे बड़ा खिलाडी उनकी सोच है,
अब आप पर निर्भर करता है आप क्या देखकर आगे बढ़ोगे समाज या सोच ??

आशुतोष ज. दुबे 

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